एक और याचिका पर सुनवाई के दौरान अटॉर्नी जनरल तुषार मेहता ने याचिकाकर्ता पर सवाल खड़े किए. उनकी ओर से कहा गया कि जम्मू -कश्मीर में मीडिया कर्मियों को इंटरनेट सुविधा उपलब्ध कराई गई है. यहां तक कि उन्हें रिपोर्टिंग के दौरान मूवमेंट के लिए वाहन उपलब्ध कराए गए हैं. साथ ही उन्होंने कहा कि 5 अगस्त के बाद जम्मू कश्मीर में एक भी गोली नहीं चली और न ही किसी शख्स को जान गंवानी पड़ी.
जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और जम्मू-कश्मीर सरकार से यह सुनिश्चित करने को कहा कि जम्मू-कश्मीर में सामान्य जीवन को बहाल किया जाए और ऐसा करते समय राष्ट्रीय सुरक्षा को भी ध्यान में रखा जाए.
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